घरेलू हिंसा क्या है?
घरेलू हिंसा वो दुर्व्यवहार, अपमान या हिंसा है जो किसी महिला के साथ घर की चार-दीवारी के भीतर हो. हिंसा परिवार द्वारा की जा सकती है और यह शारीरिक, मानसिक, मौखिक, भावनात्मक, यौन या आर्थिक रूप में हो सकती है20.
घरेलू हिंसा की शिकायत किसके खिलाफ दर्ज की जा सकती है?
पीड़ित व्यक्ति घरेलू हिंसा की शिकायत कैसे दर्ज कर सकता है?
- पुलिस थाना- पुलिस एक एफ़आईआर या घरेलू घटना की रिपोर्ट (DIR) दर्ज करेगी या पीड़ित को क्षेत्र में मौजूद प्रोटेक्शन ऑफ़िसर के पास जाने का निर्देश देगी.
- प्रोटेक्शन ऑफ़िसर- एक सुरक्षा अधिकारी है जो ज़िले में होने वाले घरेलू हिंसा के मामलों के लिए, संपर्क का पहला सूत्र है. प्रोटेक्शन ऑफ़िसर पीड़ित को डीआईआर दर्ज करने और अदालत में मामला दर्ज करने में मदद करेगा21
- राष्ट्रीय महिला आयोग- राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) को घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न या यौन उत्पीड़न से जुड़ी शिकायतों की जांच करने का अधिकार है. राष्ट्रीय महिला आयोग का काम स्थानीय पुलिस की अगुवाई में होने वाली जांच पर निगरानी रखना और उसमें तेजी लाना है. आयोग उन मामलों में पीड़ित को सलाह देने का काम भी करता है जहां पीड़ित और उसके साथ दुर्व्यवहार करने वाला अदालत जाए बिना अपने विवाद को सुलझाने का मन रखते हैं. इसके अलावा आयोग का काम जांच समिति का गठन, स्पॉट पूछताछ, गवाहों और चश्मदीदों से पूछताछ, सबूत इकट्ठा करना और अपनी जांच के आधार पर शिकायत के बारे में रिपोर्ट तैयार करना है22.
प्रोटेक्शन ऑफ़िसर कौन है?
घरेलू घटना रिपोर्ट क्या है?
- पीड़ित का नाम:
- उम्र:
- आरोपियों के बारे में जानकारी(s):
- हिंसा की घटना (या घटनाओं) का ब्यौरा:
पीड़ित के क्या अधिकार हैं?
राहत पाने के लिए पीड़ित व्यक्ति कोर्ट में कैसे अपील कर सकता है?
अदालत किस तरह के संरक्षण आदेश पारित कर सकती है?
- घरेलू हिंसा दोहराई न जाए इसे लेकर निषेधाज्ञा का आदेश. यह आदेश शिकायतकर्ता की अपील में लिखी बातों के आधार पर पारित किया जाता है.
- आरोपी को पीड़िता के स्कूल/कॉलेज या दफ्तर जाने से रोकने संबंधी आदेश.
- आरोपी द्वारा पीड़िता को दफ्तर जाने से रोकने पर आरोपी के खिलाफ आदेश.
- आरोपी को स्कूल, कॉलेज या उस जगह पर जाने से रोकने संबंधी आदेश जहां पीड़ित के बच्चे जाते हैं.
- आरोपी अगर पीड़ित को स्कूल या कॉलेज जाने से रोकते हैं तो उनके खिलाफ आदेश.
- आपोरी द्वारा पीड़ित से किसी भी तरह संपर्क करने पर रोक संबंधी आदेश.
- आरोपी अगर पीड़ित व्यक्ति की संपत्ति को अलग करने की कोशिश करते हैं तो उन्हें रोकने संबंधी आदेश.
- आरोपी द्वारा संयुक्त बैंक लॉकर या खातों को संचालित करने पर रोक और पीड़ित को ये अधिकार सौंपने संबंधी आदेश.
- पीड़ित के रिश्तेदारों या उस पर आश्रित किसी व्यक्ति से हिंसा किए जाने पर रोक लगाने संबंधी आदेश.
पीड़ित व्यक्ति, आरोपी या दुर्व्यवहार कर रहे व्यक्ति से तत्काल सुरक्षा की मांग कर सकते हैं. मजिस्ट्रेट अस्थायी रूप से, लेकिन एक तय समय सीमा के लिए, सुरक्षा प्रदान करेगा जब तक वह यह महसूस नहीं करता कि परिस्थितियों में बदलाव के चलते अब इस तरह के आदेश की जरूरत नहीं24.
सुरक्षित निवास को लेकर पीड़ित व्यक्ति अदालत से किस तरह के आदेश पा सकता है?
- साझा घर से पीड़ित को बेदखल करना या बाहर निकालना.
- साझा घर के उस हिस्से में आवाजाही करना जिसमें पीड़ित रहते हैं.
- साझा घर को अलग करना/उसे बेचना या पीड़ित के उसमें आने-जाने पर रोक लगाना.
- साझा घर पर उनके हक को खत्म करना
- पीड़ित व्यक्ति को उसके व्यक्तिगत सामान तक पहुंचने का अधिकार देने संबंधी आदेश.
- आरोपी को आदेश जारी करना कि वो या तो साझा घर से खुद को दूर कर लें या वैकल्पिक निवास उपलब्ध करवाए या फिर उसके लिए किराए का भुगतान करें.
पीड़ित किस तरह की आर्थिक या वित्तीय राहत का दावा कर सकते हैं?
- कमाई का नुकसान
- मेडिकल या इलाज संबंधी खर्च
- पीड़ित व्यक्ति से संपत्ति छीनने या उसे नष्ट करने को लेकर हुआ नुकसान
- कोई अन्य नुकसान या शारीरिक या मानसिक चोट
- भोजन, कपड़े, दवाओं और अन्य बुनियादी ज़रूरतों से जुड़े ख़र्चों के भुगतान के लिए भी निर्देश दिए जा सकते हैं, जैसे- स्कूल की फ़ीस और उससे जुड़े खर्च; घरेलू खर्च आदि. इन ख़र्चों का हिसाब महीने के आधार पर किया जाता है.
मजिस्ट्रेट के सामने अपील दाखिल करने के समय पीड़ित को क्या खुलासे करने होंगे?
क्या शिकायत दर्ज करने पर आरोपी या दुर्व्यवहार कर रहे व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा?
वित्तीय या आर्थिक दुर्व्यवहार क्या है?
- दुर्व्यवहार करने वाला व्यक्ति आपके पैसे को नियंत्रित करता है.
- दुर्व्यवहार करने वाला व्यक्ति आपको पैसे नहीं देता या आपकी ज़रूरत के मुताबिक पैसा नहीं देता.
- दुर्व्यवहार करने वाला व्यक्ति आपको नौकरी करने से रोकता है.
- दुर्व्यवहार करने वाले व्यक्ति ने आपकी शादी से पहले या उसके दौरान मिले सोने, गहनों या दूसरी महंगी चीज़ों को आपसे छीन लिया है.
क्या मुझे अपने हक में अदालत से तत्काल कोई आदेश मिल सकता है?
मुझे मेरे साझा घर से बाहर निकाला जा रहा है. मैं क्या कर सकती हूँ?
- आरोपियों द्वारा आपको घर से निकाले जाने पर रोक लगा सकता है
- आरोपियों को घर छोड़ने और अगले आदेश तक घर में कदम न रखने का आदेश दे सकता है.
- आरोपियों को आदेश दे सकता है कि वो आपके लिए किसी दूसरी रहने की जगह का इंतज़ाम करें
साझे घर पर आपका या आपके साथ दुर्व्यवहार करने वालों का अधिकार न होने के बावजूद अदालत ऊपर दिए गए मामलों में आदेश दे सकती है.
मैं अपने साथी के साथ रहती हूँ और मुझे डर है कि मैं शारीरिक और यौन शोषण का शिकार हो रही हूं. क्या मैं घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कर सकती हूं?
- रिश्ते की अवधि;
- सार्वजनिक जगहों पर साथ आना-जाना;
- घरेलू इंतज़ाम;
- उम्र और वैवाहिक स्थिति;
- सेक्स संबंध;
- आर्थिक रूप से और दूसरे संसाधनों के ज़रिए एक साथ जुड़ा होना;
- पार्टियाँ आयोजित करना, और;
- बच्चे
क्या उस क्षेत्र में शिकायत दर्ज की जा सकती है जहां पीड़ित नहीं रहती है?
उदाहरण के लिए: यदि आपके पति आपको जयपुर में अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर करते हैं और आप अब दिल्ली में अपने माता-पिता के साथ हैं, तो आप दिल्ली में एफ़आईआर दर्ज कर सकती हैं. हालांकि, जांच जयपुर में पुलिस द्वारा की जाएगी.
क्या घरेलू हिंसा की शिकायत ऑनलाइन दर्ज की जा सकती?
वकील की सेवाएं कैसे ली सकती हैं?
भारत में घरेलू हिंसा पर कौन से कानून लागू होते हैं?
मुझे कैसे पता चलेगा कि मैं घरेलू हिंसा का सामना कर रही हूं?
घरेलू हिंसा की घटना पीड़ित को भला-बुरा कहने या उसकी आलोचना करने के साथ शुरू हो सकती है यानी आपको मौखिक दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ सकता है. पीड़ित के साथ शारीरिक हिंसा भी की जा सकती है जिसमें- खींचतान, हाथापाई, धक्का देने, थप्पड़ मारने जैसी हरकतें शामिल हैं. आपका जीवन साथी आपको और आपके काम को नियंत्रित करने की कोशिश कर सकता है. वो आपको धमकाने, शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने, या आपको आर्थिक रूप से नियंत्रित कर सकते हैं. ऐसे में आप भावनात्मक रूप से बिखरा हुआ महसूस कर सकती हैं. आप आत्मविश्वास की कमी, आत्मसम्मान की कमी या खुद को दोषी महसूस कर सकती हैं.
अक्सर घटना के बाद आरोपी "गलती" के लिए माफी माँगता है और फिर उसी तरह का व्यवहार करना जारी रखता है.
यदि मुझे घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ रहा है, तो मुझे क्या करना चाहिए?
- आपके इलाके में मौजूद गैर-सरकारी संगठन यानी एनजीओ, आश्रय या सलाह देने का काम कर सकते हैं. अगर आप मामले को रिपोर्ट करने का फैसला लेती हैं एनजीओ आपको सभी कानूनी विकल्पों के बारे में जानकारी देकर आपका मार्गदर्शन कर सकती हैं.
- घरेलू हिंसा की घटना की रिपोर्ट पुलिस स्टेशन या राष्ट्रीय महिला आयोग की वेबसाइट पर करें. यदि आप पुलिस स्टेशन नहीं जा सकतीं, तो 100 नंबर या आयोग की हेल्पलाइन डायल करें. भारत सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के दौरान, महिला आयोग ने रिपोर्ट करने के लिए एक व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया है. इन नंबरों की जानकारी के लिए हमारे हेल्पलाइन सेक्शन को देखें.
- अपने क्षेत्र में प्रोटेक्शन ऑफ़िसर से संपर्क करें जो आपको कानूनी प्रक्रिया, मेडिकल सहायता और आश्रय आदि के बारे में बताएँगे.
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