The Importance of Case Law (Precedents) in Any Judicial Decision

विषय: किसी भी न्यायिक निर्णय में Case Law (पूर्व निर्णयों) का महत्व 1. प्रस्तावना: यह सर्वविदित है …

“क्या चेक बाउंस मामलों में दोषसिद्धि (Conviction) को समझौते (Compounding) से समाप्त किया जा सकता है? – न्यायिक दृष्टिकोण”

1. मुद्दा (Issue): क्या NI ऐक्ट, 1881 की धारा 138 के अंतर्गत हुई दोषसिद्धि (conviction) को Compoun…

New Era of Justice: India Implements Transformative Criminal Laws

India has entered a new era in its criminal justice system with the implementation of three landmar…

भारत की नई दंड संहिता (BNS 2023): मोबाइल लिंचिंग से स्नैचिंग तक — 9 नए दंडनीय अपराध

भारतीय न्याय संहिता (BNS) – नए जोड़े गए प्रमुख प्रावधान भारतीय दंड संहिता (IPC) के स्थान पर लागू…

Section 386 IPC EXTORTION

धारा  386  क्या   है ? धारा  386  भारतीय   दंड   संहिता   का   हिस्सा   है   जो   आमतौर   पर   उन  …

The Concept of Property under Indian Law

Certainly. Below is a detailed, original, and copyright-free article on the “Concept of Property” u…

क्या न्यायालय के लिए Section 143A के अंतर्गत interim compensation देना अनिवार्य है या विवेकाधिकार (discretionary)?

⚖️ सुप्रीम कोर्ट का निर्णय (Rakesh Ranjan Shrivastava vs State of Jharkhand, Crl. Appeal No. 741 of…

reclaim property possession

2025 में प्रॉपर्टी कब्जा छुड़ाने का आसान तरीका: 5 जरूरी दस्तावेज और लीगल प्रोसेस – reclaim proper…

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: आधार कार्ड की अनिवार्यता पर 5 चौंकाने वाले बदलाव, जानें क्या है असर

हाल ही में, भारत के सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड के उपयोग को लेकर एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसला सु…

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